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लेखनी प्रतियोगिता -13-Feb-2023

मैं ढूंढ रहा हूं कब से राह ए कामयाबी
हर कोई छुपाए फिरें राज़ ए कामयाबी


आओं मेरे हाथ और पैरों के छालें देखों
कहते हैं जो मेहनत है काज़ ए कामयाबी


घर से निकला हूं बस दर ब दर घूम रहा हूं
इस दस्त में धूल है गुम है दयार ए कामयाबी


ज़िस्म की थकावट मिटाने को लिया एक जाम
लोग समझने लगे हैं इसे ख़ुमार ए कामयाबी

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8 Comments

Renu

14-Feb-2023 05:32 PM

👍👍🌺

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अनीस राही

16-Feb-2023 01:01 PM

🙏💐

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Alka jain

14-Feb-2023 12:46 PM

बेहतरीन

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अनीस राही

16-Feb-2023 01:01 PM

शुक्रिया 🙏

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बहुत ही सुंदर सृजन

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अनीस राही

16-Feb-2023 01:03 PM

बहुत बहुत शुक्रिया 🙏

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